पानी ही छुपाता है!
इसीलिए तो तैरने वाला,
डूब जाता है!
गहराई तो सभी में होती है,
अंतर इतना सा है की,
कोई समुद्र, तो कोई तालाब
बनकर रह जाता है!
गहराई भी जरुरी है क्योंकि,
समतल धरा पर पानी,
टिक नहीं पाता है!
प्रशन यह है कि,
तालाब क्या और
समुद्र क्या पाता है?
कोई क्या पायेगा?
सब कुछ तो क्षमता से आता है!
किस्मत भी वह खुद बनाता है,
इसीलिए उसे याद रखा जाता है,
पर लोगो को भ्रम हो जाता है,
कि वह किस्मत की ही खाता है,
और क्षमता का मूल्य व्यर्थ हो जाता है!
कोई समाप्त,
तो कोई जीता ही जाता है,
किस्मत का खेल,
कौन जान पाता है,
तालाब तो पार कर भी लूँ हरीश,
पर समुद्र का छोर,
मुश्किल से आता है!
Wah Harish Babu, Badhiya Hai.
ReplyDeleteisi baat par meri taraf se pehla vote bhi
ReplyDeleteधन्यवाद भाई जी
ReplyDeleteबहुत बढ़िया है भाई !
ReplyDeleteबहुत अच्छी है जी
ReplyDeletejustclick-rinku.blogspot.com
गहराई भी जरुरी है क्योंकि,
ReplyDeleteसमतल धरा पर पानी,
टिक नहीं पाता है!
बहुतसटीक पंक्तिया !
बेहतरीन कविता हरीश. जीवन की गहराइयाँ लिए हुए. ज़बरदस्त!
ReplyDeleteतालाब तो पार कर भी लूँ हरीश,
ReplyDeleteपर समुद्र का छोर,
मुश्किल से आता है!
Good one...
ReplyDeleteसमुद्र की गहराई को,पानी ही छुपाता है!
ReplyDeleteइसीलिए तो तैरने वाला,डूब जाता है!
very true.....my dear friend
keep on writing......All the very Best
Great Harish Bhai Great
ReplyDeleteधन्यवाद
ReplyDeleteसुमित जी आगे भी लिखता रहूँगा और आपकी भावनाओं पर खरा उतरूंगा
ReplyDeleteHarish Ji lagta hai ki aap Jivan ki gahrayi ke samunder mai dub chukle hai.....
ReplyDeleteaur kaphi achha likha hai aapne!!!
ReplyDeleteHarish ji good post
ReplyDeleteek vote for hot
साजिद जी धन्यवाद
ReplyDeleteशाह नवाज़ जी मैं आपको कल जवाब नहीं दे पाया
ReplyDeleteलेकिन आज मैं आपकी सेवा में उपलब्द हूँ
Good and Deep thought....of life
ReplyDeleteप्रशन यह है कि,
ReplyDeleteतालाब क्या और
समुद्र क्या पाता है?
कोई क्या पायेगा?
सब कुछ तो क्षमता से आता है!
Yes!!!!your 1st fight with yourself .....
Good knowledge ....
ReplyDeleteपर लोगो को भ्रम हो जाता है,
कि वह किस्मत की ही खाता है,
और क्षमता का मूल्य व्यर्थ हो जाता है!
गहराई तो सभी में होती है,
ReplyDeleteअंतर इतना सा है की,
कोई समुद्र, तो कोई तालाब
बनकर रह जाता है!
सही कहा हरीश भाई, कोई समुंदर तो कोई तालाब होता है! कई लोग तो इतने गहरे होते हैं की हमें अपने बारे मैं कुछ बताते ही नहीं......बस इतना ही कहूँगा....
किस्मत भी वह खुद बनाता है,
ReplyDeleteइसीलिए उसे याद रखा जाता है,
पर लोगो को भ्रम हो जाता है,
कि वह किस्मत की ही खाता है,
और क्षमता का मूल्य व्यर्थ हो जाता है!
नहीं हरीश, शमता का मूल्य व्यर्थ नहीं होता मेरे दोस्त......वो तो उस इन्सान के व्यक्तितव से झलकता है वो कितना मेहनती है और उसको उसके कार्य के बदले क्या मिला है............मैं सही हूँ न हरीश.....
आ गया है ब्लॉग संकलन का नया अवतार: हमारीवाणी.कॉम
ReplyDeleteहिंदी ब्लॉग लिखने वाले लेखकों के लिए खुशखबरी!
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