जहाँ लाभ होता हैं क्या वही सही होता हैं ? नहीं!
फायदा हमारे क्या काम आयेगा?
नुकसान से कुछ ना कुछ सिखा ही जायेगा!
सही को याद और गलत को नकारा जायेगा,
सही लाभ को करीब ही लायेगा,
गलत अंत में हमे हानि दे जायेगा,
अंजान बीच में फसकर चिल्लाएगा,
बताइये ये भी क्या अब ब्लॉग पर लिखा जायेगा!
क्या सही-गलत का फैसला लाभ-हानि से हो पायेगा?
good thought................
ReplyDeleteक्या सही-गलत का फैसला लाभ-हानि से हो पायेगा? aap bilkul sahi likha rahe hai......
ReplyDeletekya likha hai harish..........good one...........
ReplyDeleteसही-गलत का फैसला लाभ-हानि से बिलकुल भी नहीं हो सकता है. लेकिन आजकल सही-गलत का पैमाना लाभ-हानि बना दिया गया है. :-(
ReplyDeleteबेहतरीन लिखा है हरीश! बहुत खूब!
waha waha kya batt kahe hai swami Nityanand harish kumar ne
ReplyDeleteYou U GR8
ReplyDeleteIn today's world, everyday follow give n take policy...
ReplyDeleteकुमार साहब अच्छी पोस्ट !
ReplyDeleteधन्यवाद दोस्तों
ReplyDeleteअच्छा लिखा है
ReplyDeletegood one dude !!
ReplyDeletehume bhi blogging sikhla do. dost
ReplyDeleteबहुत अच्छा विचार।
ReplyDeleteExtremely true in today's world...
ReplyDeleteGood one......
ReplyDeletenice nd true........