मैं कौन हूँ कब जानूंगा ?, क्या केवल अपना ही नाम ?
दूध पीना - हंसना - रोना - खेलना ही है मेरा काम,
जाना तो केवल अपना और परिवार के सदस्यों का नाम,
कुछ करना है तो पढ़ना है, क्योंकि जरुरतमंदो का है यह काम,
मुझे दोस्त भी मिले उनका भी था यही काम,
मैं कौन हूँ कब जानूंगा ?, क्या केवल अपना ही नाम ?
मैं कौन हूँ कब जानूंगा ?, क्या केवल अपना ही नाम ?
माता - पिता ने कहा सीखो अब कुछ अच्छे काम,
माहौल ख़राब था इसीलिए मैं सीख गया कुछ गलत काम,
खिंचा - तानी में फंस गया जीवन और मैं होने लगा नाकाम,
माता - पिता ने कहा अब लो कुछ समय ईश्वर का नाम,
मैं कौन हूँ कब जानूंगा ?, क्या केवल अपना ही नाम ?
मैं कौन हूँ कब जानूंगा ?, क्या केवल अपना ही नाम ?
अब कुछ समझ नहीं आया करना था रोजी के लिए काम,
नौकरी भी लगी पर अभी थे कुछ अच्छे और बुरे मेरे काम,
जिम्मेदारी बढने लगी और माता - पिता देने लगे मुझको ज्ञान,
शादी के लिए था मैं अब तैयार मैंने ही किये थे कुछ ऐसे इंतजाम,
मैं कौन हूँ कब जानूंगा ?, क्या केवल अपना ही नाम ?
मैं कौन हूँ कब जानूंगा ?, क्या केवल अपना ही नाम ?
शादी हो गई है अब मेरी रखना है बच्चे का नाम,
बच्चा भी अब वोही करता जो किये थे मैंने काम,
अब चिन्ता थी उसकी मुझको वो करेगा क्या काम,
मैं क्या सिखाऊंगा उसको मुझे न पता थे अपने काम,
मैं कौन हूँ कब जानूंगा ?, क्या केवल अपना ही नाम ?
मैं कौन हूँ कब जानूंगा ?, क्या केवल अपना ही नाम ?
जीवन आधा निकल गया पता न चला मुझे अपना काम,
जो देखा वोही सिखा नहीं पता था सही - गलत ज्ञान,
पहचान अभी भी थी अधूरी सही गलत थे मेरे काम,
अब कौन सिखाएगा मुझको ईश्वर तुम ही दो अब ज्ञान,
मैं कौन हूँ कब जानूंगा ?, क्या केवल अपना ही नाम ?
मैं कौन हूँ कब जानूंगा ?, क्या केवल अपना ही नाम ?
शरीर मेरा अब वो नहीं था, बूढ़ा हो गया था मैं नादान,
ईश्वर मुझे अब तुम उठालो नहीं बची हैं मुझमे जान,
मैंने तो सोच लिया कुछ नहीं इस जीवन में काम,
ईश्वर का लो नाम और करते रहो सब काम,
मैं कौन हूँ कब जानूंगा ?, क्या केवल अपना ही नाम ?
मैं कौन हूँ कब जानूंगा ?, क्या केवल अपना ही नाम ?
अंत समय करीब था अब क्या मिलेगा मुझको ज्ञान,
अलविदा दोस्तों,
मैं कौन हूँ कब जानूंगा ?, क्या केवल अपना ही नाम ?
Great dude
ReplyDeleteVery True
ReplyDeleteWe could never know who we are ?...
nice thought keep it up.....
ReplyDeleteNice poetry.. but its toooooo lengthy
ReplyDeleteTo understand the real meaning, one has to go deep in the words....good effort.
ReplyDeleteVery good Harish G, aapke thoughts kitne acche hai.....aap logo ke liye moral ho
ReplyDeletemarvelous hery, nice CTRL+C and CTRL+P
ReplyDeleteइतना कुछ लिखने से पहले मुझ से पुच लेते की तुम्हारा नाम क्या है मैं ही बता देता - हरीश है भाई तुम्हारा नाम . यादाश भूल गया क्या भाई
ReplyDeleteat last good effort done by Harish.......good poetry. keep it up....
ReplyDeleteआपका प्रश्न बड़ा वाजिब और किसी भी मनुष्य के लिये अत्यंत महत्वपूर्ण है। महत्वपूर्ण यह भी है कि इसका उत्तार खुद से ही जाना जाए बिना किसी से कोई उम्मीद किये। महत्वपूर्ण यह भी है कि यह प्रश्न किसी ब्लॉग की एक पोस्ट बनकर ही खत्म ना हो जाये। महत्वपूर्ण यह भी है कि आपको कितना पता है कि यह प्रश्न कितना महत्वपूर्ण है किसी भी मनुष्य के लिये।
ReplyDeleteराजे सह जी धन्यवाद,
ReplyDeleteमैं तो सोच रहा था की मेरे इस लेख को कोई भी पसंद नहीं करेगा, लेकिन आपके विचारों को पढकर अच्छा लगा
धन्यवाद
हमारी सोच मिल तो नहीं सकती लेकिन यह एक सच्चाई है
ReplyDeleteधन्यवाद
मैंने तो सोच लिया कुछ नहीं इस जीवन में काम,
ReplyDeleteईश्वर का लो नाम और करते रहो सब काम,
ये लाइन तो बहुत अची लिखी है मुझे बहुत अच्छी लगी.
good one dude !! Aaj kal Kavi ban ne laga hai...
ReplyDeleteyeah..man going right way!!
ReplyDeleteisi tehar se likha karo taki hume bhi kuch gyan mil jaye....
ReplyDeleteNice nd true......
ReplyDeletereally made me to think who i am.....
keep up the good work......!!!!!!!
मैंने तो सोच लिया कुछ नहीं इस जीवन में काम,
ReplyDeleteईश्वर का लो नाम और करते रहो सब काम,
great lines.....keep it up
Harish Bhai ji,
ReplyDeleteAppke lekho ko padhkar mujhe achchha lagta hai??
Thsnks to all of you!!!
ReplyDeletewill meet next time...
nice........
ReplyDeleteimpressed
अब कुछ समझ नहीं आया करना था रोजी के लिए काम,
ReplyDeleteनौकरी भी लगी पर अभी थे कुछ अच्छे और बुरे मेरे काम,
जिम्मेदारी बढने लगी और माता - पिता देने लगे मुझको ज्ञान,
शादी के लिए था मैं अब तैयार मैंने ही किये थे कुछ ऐसे इंतजाम,
good one
अच्छा लिखा हैं भैया ..
ReplyDeleteज़बरदस्त कविता. बहुत खूब!
ReplyDeleteमैंने तो सोच लिया कुछ नहीं इस जीवन में काम,
ईश्वर का लो नाम और करते रहो सब काम.
in sab baato me acha laga to wo tha tere likhne ka gyan,
ReplyDeleteye baat to janta tha ki ye jaat karega kuch esa hi kaam,
agar ese hi likhta raha to yakin rakh dost to tu kya,
ye duniya bi jan jayegi, tu kon hai or tera ye naam.