मैं आपको यह बताना चाहता हूँ कि ब्लागस्पाट के जरिये मैंने एक ब्लॉग पर पढ़ा कि ईश्वर अवतार नहीं लेता और वह व्यक्ति हमे तर्क सहित यह बात लिखकर समझाना चाहता हैं, लेकिन मित्रों मुझे आपको यह बताते हुए ख़ुशी हो रही हैं कि ईश्वर अवतार लेता है, भगवान श्री रामचन्द्र जी और श्री कृष्ण जी ईश्वर के ही अवतार हैं. नीचे लिखी बाते यह साबित करती हैं कि ईश्वर अवतार लेता है.
श्रीमद्-भागवतगीता, अध्याय 4 - 07 : हे अर्जुन, जब-जब संसार में धर्मकी हानि और अधर्म की वर्धि होती हैं, तब-तब सही लोगों की रक्षा, दुष्टों का संहार तथा धर्म संस्थापना के लिए मैं, परमात्मा, हर युग में अवतरित होता हूँ।
श्रीमद्-भागवतगीता, अध्याय 7 - 24 :अव्यक्तं व्यक्तिमापन्नं मन्यन्ते मामबुद्धयः परं भावमजानन्तो ममाव्ययमनुत्तमम।।24।।
बुद्धिहीन व्यक्ति मेरे असली अव्यक्तं लीलामय स्वरूप को न जानकर मुझे साधारण मनुष्य की भांति मानते हैं।
प्रभु अवतार का उदेश्य- श्रीमद्-भागवतगीता
श्रीभगवान बोले- हे अर्जुन, मेरे और तुम्हारे बहुत सारे जन्म हो चुके हैं, उन सब को मैं जानता हुं, पर तुम नहीं जानते. (4 .05) यदपि मैं अजन्मा, अविनाशी तथा समस्त प्राणियों का ईश्वर हुं, फिर भी अपनी प्रक्रति को अधीन करके अपनी योगमाया से प्रकट होता हुं. (10 .14 भी देखें) (4 .06) हे अर्जुन, जब-जब संसार में धर्मकी हानि और अधर्म की वर्धि होती हैं, तब-तब सही लोगों की रक्षा, दुष्टों का संहार तथा धर्म संस्थापना के लिए मैं, परमात्मा, हर युग में अवतरित होता हुं. (तु. रा. 1 .120 .03 -04 भी देखे) (4 .07 - 08) हे अर्जुन, मेरे जन्म और कर्म दिव्य हैं. इसे जो मनुष्य भलीभांति जान लेता हैं, उसका मरने के बाद पुनर्जन्म नहीं होता तथा वह मेरे लोक, परमधाम, को प्राप्त करता हैं. (4 .06) राग, भय और क्रोध से रहित, मुझ में तल्लीन, मेरे आश्रित तथा ज्ञानरुपी ताप से पवित्र होकर, बहुत से मनुष्य मेरे स्वरूप को प्राप्त हो चुके हैं. (4 .10)
धन्यवाद मित्रों !!
बधाई.
ReplyDeleteअच्छा लिखा है आपने.
क्या हिंदी ब्लौगिंग के लिए कोई नीति बनानी चाहिए? देखिए
sahi likha hai bhai.......
ReplyDeleteThanks Pawan..
ReplyDeleteहे अर्जुन, जब-जब संसार में धर्मकी हानि और अधर्म की वर्धि होती हैं, तब-तब सही लोगों की रक्षा, दुष्टों का संहार तथा धर्म संस्थापना के लिए मैं, परमात्मा, हर युग में अवतरित होता हुं.
ReplyDeleteMai aapki baat se puri tareh se sahmat hu...pls aap is tareh ki baatei apne blog ke jariye humare pas pahuchate rahey....
hi........... i do agree with you
ReplyDeleteeveryone has a god in himself...just trust yourself
Jab bhagwan shri Ramchandra ji & shri Krishna ji ne janm liya tha tab kya aaj ke time se bhi bura haal tha.......aur agar nahin to wo ab fir kab janm lenge..??
ReplyDeleteCompletely agree with you this statement is not only based on knowledge but also with proof....
ReplyDeleteसहमत
ReplyDeleteThanks.
ReplyDeleteaccha likha hai lekin vishwas nahin hota jab tak koi aisa dikhe na, sahi hai chorey
ReplyDeletesahi likha hai lekin vishwas nahin hota jab tak koi dikhe na, thik hai chorey
ReplyDeleteI completely agree with you harish.. please write the same type of thoughts in this blog in future..
ReplyDeleteGood Harish....................
ReplyDeletethanks & pls share these type of information with us
ReplyDeletethanks!! bro.
ReplyDeletemr harish i agree with u this is true
ReplyDeletei also agree with you.
ReplyDeleteawtar koi nahi hota admi ke achhe karm hi use awtar banate hain...
ReplyDeleteBilkul Sahi or Sach. Satyug me Narsihma, Tretayug me Bhagwan Ram or Dwaparyug me Bhagwan Krishn. Ye sabhi Avatar liye gaye jab sansar me dharm ki hani hui. Or mujhe vishwas hai kalyug me bhi bhagwan ne Avatar liya hoga tabhi aaj ye sansar or hum hai.
ReplyDeletei think we should learn more about this...
ReplyDeleteI agree with you
ReplyDeleteHard work on the way of finding the truth! Good!
ReplyDeleteमैं जल्द ही आपके लिखे गए सवालों के जवाबों के साथ प्रस्तुत होने की आशा करता हूँ.
ReplyDeleteThis comment has been removed by the author.
ReplyDeleteभगवान् को खोजना इतना आसान नहीं है! पर आपने फिर भी इस राह मैं पहला कदम उठाया है! और आप ऐसे ही आगे भी हम लोगो को ज्ञान की बातें बतातें रहे.....जिससे हम दुसरो की बातो मैं न बहक जाये और अपने कर्त्तव्य के पथ से हटकर गलत रस्ते पर न जाये. भगवान् आप को ऐसे ही सदबुद्धि दे!
ReplyDeleteभगवान् आपके हाथो मैं कलम की सची ताकत प्रदान करे.
आपका मित्र
पवन कुमार