कुछ समय शांत स्थान पर व्यतीत करने के लिए, मैं शाम के समय अपने घर से बाहर निकला और एक स्थान पर जाकर बैठ गया. कुछ समय के बाद मैंने एक सब्जी बेचने वाले को एक महिला से झगड़ते देखा, उसी पल मैंने सोचा कि मैं वहां जाकर पता करूँ कि किस बात पर महिला और सब्जी बेचने वाले में झगड़ा हो रहा हैं. लेकिन उसी वक़्त सब्जी वाला वहां से अपनी ठेली लेकर मेरी तरफ आने लगा, पीछे - पीछे वह महिला भी आने लगी, तो मुझे लगा कि यहाँ मेरी सहायता की जरुरत हैं. मैंने उस महिला से पूछा कि आप दोनों क्यों झगड़ रहे हो?
झगड़े का विषय: उस महिला ने दो दिन से सब्जी बेचने वाले का पुराना उधार नहीं चुकाया था. और उसे शाम को घर में अपने दो बच्चो और अपने पति के लिए खाना पकाना था जिसके लिए उसने 10 रुपये के आलू उधार मांगे थे. आलुओ समेत उसका कुल उधार 57 रुपये हो गया था. इस बात के लिए सब्जी वाला तैयार नहीं था.
गरीब जीवन की परिस्थिति: वह महिला उस सब्जी वाले से निवेदन कर रही थी कि वह उसके 57 रुपये कल चुका देगी, तभी मैंने भी सब्जी वाले से आग्रह किया कि वह उस महिला को 10 रुपये के आलू दे दे, सब्जी वाले ने उसे आलू दे दिए और वह वहां से चला गया. मैं भी वहा से जाने ही लगा था तभी वह महिला मुझसे आगे निकल गई, और उस महिला का बच्चा बोला कि "अम्मी मुझे भी कुछ दिलादो, अम्मी अपने बच्चे से बोली "तेरे अब्बू को एक महीने से मजदूरी नहीं मिली हैं. मैं तुझे कुछ भी नहीं दिला सकती".
ये सभी बाते मैंने सुन ली थी, मैंने उस महिला से पूछा कि आपने सब्जी वाले को कल उधार चुकाने को कहा हैं आप वह कैसे चुकाओगी. महिला ने जवाब में कहा कि अगर मैं सब्जी वाले को ऐसा नहीं कहती तो आज मेरे बच्चों के लिए खाना नहीं बन पाता.
Nice post! Blog jagat mein aapka swagat hai! isi tarah achha lekhan karte rahe yahi shubhkamnaen hain.
ReplyDeleteAchha likha hai.
ReplyDeleteBadhiya likhte ho harish sahab. Very Gud!
ReplyDeletebahut acha likha aap ne
ReplyDeleteshkehar kumawt
http://kavyawani.blogspot.com/
U can became a writer Harish keep it up ! Blog is the mirror of person's inner soul.you can share your thoughts and dreams here....good one.....
ReplyDeleteU can became a very good writer Harish G, keep it up. its really very good blog from your side...please write the same in future. with best wises
ReplyDeleteParas Jain
धन्यवाद मित्रो !!
ReplyDeleteYou are showing the real life around everyone........ great bolg
ReplyDeleteKeep it Up...... All the very best
Very nice and touching post....A reality of life which you have captured very nicely. Keep posting!
ReplyDeleteThis is the biggest truth and we'll not ignore that.
ReplyDeleteDoes not run with the biggest truth in life...
ReplyDeleteIts truth of life...well said
ReplyDeleteगरीबों में सबसे जायज है तो वो उधारी ही है। इसी प्रकार झूठ बोलकर उधार लिया जाता है, क्या करें, उनकी यही मजबूरी है।
ReplyDeleteWah Harish Babu! Badhiya hai!
ReplyDeleteNICE POST
ReplyDeleteThanks to all you my friends!!
ReplyDeleteगरीबों लोग ही क्यों हमेशा शिकार बनते है. वैसे आपने ये कहावत तो सुनी ही होगी की " पैसा ही पैसे को खीचता है " इसलिए आमिर और आमिर हो जाता है जबकि गरीब बेचारा ----- कम पैसा होने की वजह से उधर लेता है और उसका ऋण चुकाने की वजह से और गरीब पे गरीब बनता जाता है....
ReplyDeleteपवन जी आपने यह सच कहा हैं आज के जीवन को जीने वालो ने इस बात को साबित कर दिया हैं लेकिन यह सच नहीं हैं! परमेशवर हमे केवल हमारे ही लिए नहीं देते हैं वो हमे कभी - कभी माध्यम भी बनाते हैं जो हम नहीं समझ पते !!
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ReplyDeletebeta harish prayas bahut accha h or apki soch bhi acchi h lekin aj ke jivan me kuch logo ne karm na karne ko garibi ka sadhan maan liya h aapke lekh me bhi kuch aisa hi prateet hota h lekin yaha per kuch apvaad ho sakta h.
ReplyDeleteकटु यथार्थ... संवेदनशील अभिव्यक्ति... आपके ब्लॉग पर आकर अच्छा लगा.
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