Wednesday, February 19, 2014

भारत भाग्य विधाता की ओर ...


भारत भाग्य विधाता की ओर निरंतर बढ़ रहा है, भारतियों का योगदान ही इस कथन को सिद्ध कर रहा है और करता रहेगा है।  युवाओं का जोश और निरंतर आगे बढ़ने का जस्बा हमें तीव्र गति से उन्नति की ओर ले जा रहा है। राजनेता, सरकार और वर्त्मान राजनीती भी बदलाव ओर, नई दिशा दिखा रही है।  युवाओं को समझना जरुरी हो गया है, ये अब शासक लोगों को समझ में आने लगा है।  जिसका एक नमूना कोंग्रेस के इनिशिएटिव A Billions Ideas के एक व्यवस्थित मंच पर देखने को मिला, 16 Feb 2014 को Raddisson Blue होटल, दिल्ली में यह मंच आयोजित किया गया था। जहाँ मैंने एक पूर्ण रूपरेखा के द्वारा समझाया कि कैसे हम देश की युवा शक्ति के खाली समय और बुज़ुर्गों के अनुभव को देश हित में प्रयोग कर सकते हैं, मैंने इस विषय पर अपनी प्रजेंटेशन श्रोताओं के सामने पेश की, जिसे मशहूर कार्टूनिस्ट इरफ़ान खान सहित सभी ब्लॉगर्स ने खूब सराहा।



सभी पार्टियां अपने - अपने विपणन में तेजी से लगी हुई है, वादे करने का चलन भी तेज हो गया है। आज भी मुझे एक बात समझ नहीं आती कि सभी पार्टियां एक दूसरे कि बुराई क्यों करती है और मीडिया भी बुराइयों की हवा को तेजी देने में लग जाता है, देश ने आजादी के बाद क्या-क्या बदलाव सहे है और करे है उनकी बाते एकजुटता से आज भी नहीं होती।  कुछ ऐसी हो गई हैं हमारी राजनैतिक पार्टिया।

राहुल गांधी कि एक भेंट जो मीडिया से हुई  उसकी सकारात्मक बातें सामने लाने की जगह
मीडिया ने दिशा को मज़ाक उड़ाने की तरफ मोड़ दिया। अरविन्द केजरीवाल का मिडिया के द्वारा रोज़ मज़ाक बनाया जाता है। नरेंद्र मोदी को मीडिया अपराधी घोषित करने में मनोरंजन खोजती है। खैर भारतीय नागरिक सबकुछ समझते हुए आपनी प्रतिभा को मांझने में लगा है और निरंतर उन्नति कि ओर बढ़ रहा है, सलाम है देश वासियों को।

सुखद बात यह है कि देश बदल रहा है और मुझे विश्वास है कि देश के युवा पुरुष और युवा महिलाएं इस राजनीती कोकाजनीतिबनवा कर ही दम लेंगे। देश की सेवा का आनंद जो एक सैनिक को आता है वही नेताओं को भी जरूर महसूस होने लगेगा।
और भारत को भाग्य विधाता की ओर "एकता और नेकता" से हम ज़रूर ले जायेंगे।  देश ही हमारी प्रेरणा है।

जय हिन्द।

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