Thursday, July 8, 2010

फिर मर गई इन्सानियत

आज के इस दौर में, हम लोग अपनी अंतर आत्मा का बलात्कार करते ही जा रहे है | जिसका एक उदाहरण मैं लिख रहा हूँ |

कुत्ता जो सभी के लिए वफादार साबित होता आया है और भविष्य में भी वफ़ादारी के लिए ही जाना जायेगा, उसी के साथ कुछ लोगों ने क्या कियापिछले सप्ताह की यह घटना है कि एक कुत्ता गली में रात के समय किसी अनजान व्यक्ति को आने नहीं देता था, लेकिन वह उस गली के बच्चो से लेकर बूढों तक सभी की पहचान रखता थावैसे तो वह पिछले सप्ताह से ही जिंदगी और मौत से संघर्ष कर रहा था, और आज उसका निधन हो गयाकारण:  गली के सभी रहने वाले लोगों के साथ वफ़ादारी है | वहां के लोगों को यह मालूम ही नहीं कि वह किसके कारण मौत के घाट उतारा गया|

आज के समय में किसी को मौत के घाट उतारने की कोशिश किस हद तक की गई, जोकि कामयाब भी हो गई|
पहले तो उस कुत्ते के ऊपर तेजाब का इस्तेमाल किया गया, जिसके कारण उसका सारा शरीर जल चुका था |
लेकिन कुछ लोगों ने उसे बचाने के लिए उसकी मरहम-पट्टी की तो दोबारा से किसी ने उसके ऊपर तेजाब का इस्तेमाल किया और गले में रस्सी बांधकर उसको मौत के घाट उतार दिया | जो हमे बचाता है हम उसी को मौत के घाट उतार देते हैं

अब किसको क्या कहा जाये, हमे तो लगता है अब केवल एक ही तरह के लोग बचे हैं जो मुहं में  राम और बगल में छुरी रखते हैं |

6 comments:

  1. चोरी नहीं करने देता था तभी तो मौत के घाट उतारा. अब चोरी करना आसान होगा.

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  2. उफ्फ्फ......... बेहद दर्दनाक हादसा..... कितने संगदिल होंगे वह लोग जिन्होंने ऐसा कृत्य किया....... इंसान कहलाने के तो लायक नहीं हैं.... इंसानियत की छोडो हैवानियत भी शर्मिंदा होगी इस घटना पर.

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  3. yes you are right Mr. Shahnawaz........I am agree with him....

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  4. आपसे और शाहनवाज़ भाई से पूरी तरह सहमत हूँ , इंसानियत सचमुच शर्मिंदा है ऐसी घटनाओं पर

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  5. यह घटना कहीं अन्दर तक हिला गयी , किसी हरामजादे नरपिशाच के कारण यह निरीह जीव तड़प तड़प कर चला गया और समाज कुछ न कर सका ! ऐसे अधम मनुष्यों की दुर्गति जानवरों से भी बुरी होती है ...
    आप एक संवेदनशील व्यक्तित्व के मालिक हैं ...इस लेख से यह सिद्ध हुआ !
    शुभकामनायें

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